मैं तो हू गोकुल का ग्वाला ।
तू है बिलकुल राधा जैसी।
मैं सुरज के भोर सा है।
तू चंदा की चॉंदी जैसी।
मैं इन्द्रधनुष के रंगो सा।
तू बरसाने की होली जैसी।
मैं तो बगिया का माली हू।
तू बगिया के फूलो जैसी।
मैं तो झरने सा झारता हू।
तू बहती है नदिया जैसी।
मैं पथिक सा चलने वाला।
तू चलती हिरनी जैसी।
मैं तो यहॉं मुशफिर हू।
तू है पथिक के साथी जैसी।
मैं दरवाजे सा खुलता हू।
तू खुलती है खिड़की जैसी।
मैं हू मेहनत के हाथों वाला
तु है हाथों की रेखा जैसी।
मैं तो भँवरे सा उड़ता हू।
तू इठलाय़े तितली जैसी।
मैं धरती पर रहने वाला।
तू है स्वरग अप्सरा जैसी।
तू अपने दिल की भी सुनले।
जीवन भर साथ निभाऊगां।
तू मेरे दिल मे रहती है।
तू है मेरी दुनियां जैसी।
मैं तो हू गोकुल का ग्वाला ।
तू है बिलकुल राधा जैसी।
Assistant Professor
NIT, Hamirpur
Kya baat h bhai.Ye talent bhi h . Very nice creation.
उत्तर द्याहटवाKya baat h bhai.Ye talent bhi h . Very nice creation.
उत्तर द्याहटवाVery touching sir...👌
उत्तर द्याहटवाDevotional Superb
उत्तर द्याहटवाही टिप्पणी लेखकाना हलविली आहे.
उत्तर द्याहटवाVery nice sir..
उत्तर द्याहटवाDil ko chhu lene wali panktiya. Chha gaye Dr Sahab...
उत्तर द्याहटवाछा गए दोस्त। गजब की प्रतिभा। अति सुंदर कविता।
उत्तर द्याहटवाVery romantic and touching lines.. 🥰🥰😊
उत्तर द्याहटवाBoht badhiya, maza aa gaya padh ke.
उत्तर द्याहटवाFantastic work Bro..
उत्तर द्याहटवाJabardast..shaandaaar...zindabaad.!!!
उत्तर द्याहटवाNice poem
उत्तर द्याहटवाSundar Rachana Dr sahab
उत्तर द्याहटवाही टिप्पणी लेखकाना हलविली आहे.
उत्तर द्याहटवाNice one sir
उत्तर द्याहटवाअति सुंदर सर्
उत्तर द्याहटवाVery nice.....raj 🙂
उत्तर द्याहटवाआपके द्वारा रचित कविता रूपी कृष्ण भावनामृत को प्रणाम
उत्तर द्याहटवाबोहोत अच्छे से लेखा हे
उत्तर द्याहटवाVery nice poem sirji...👍
उत्तर द्याहटवाThank you sir
उत्तर द्याहटवाNice👍
उत्तर द्याहटवाKya baat hy sir☺☺☺
उत्तर द्याहटवाWa wa bohat khub
उत्तर द्याहटवाBhut khoob Dr. Shab..💐👍
उत्तर द्याहटवाThankyou very much everyone for appreciation
उत्तर द्याहटवा����
उत्तर द्याहटवाReally it is a very nice poem. It is heart touching.
उत्तर द्याहटवाBahot khub likha hai sir jee
उत्तर द्याहटवाNice sir��
उत्तर द्याहटवाVery good
उत्तर द्याहटवा